लीवर रोगों का आधुनिक ईलाज, अब जयपुर के कल्ला हॉस्पिटल मे भी उपलब्ध।
जयपुर 18 (नादकीआवाज) । बीएलके मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल दिल्ली, ओर जयपुर के एसआर कल्ला हॉस्पिटल के सहयोग से जयपुर मे भी गैस्ट्रोएंटरोलॉजी एंड लिवर ट्रांसप्लांट ओपीडी सेवाएं शुरू की गई है।
यह जानकारी देते हुए डॉ मुकेश कल्ला ने बताया कि
यह ओपीडी खुलने से जयपुर और आसपास के क्षेत्रों के सभी उम्र और पृष्ठभूमि के लोग, यहां बेहतरीन परामर्श और इलाज सुविधा प्राप्त कर सकते हैं। यहां लिवर पैंक्रियाज और बिलियरी संबंधी बीमारियों के बारे में विशेषज्ञ डॉक्टर मरीजों को सलाह देंगे और इलाज करेंगे।
देश में फैटी लीवर रोग से पीड़ित लोगों की संख्या खतरनाक स्तर पर बढ़ रही है। एक अनुमान है कि हर पांच में से एक व्यक्ति के लिवर में अतिरिक्त चर्बी है और 10 में से एक व्यक्ति फैटी लीवर बीमारी से पीड़ित है। लंबे समय तक इलाज नहीं कराने पर यह लीवर सिरोसिस या लीवर कैंसर का रूप भी ले सकता है। पिछले साल भारत में कैंसर के सभी मामलों में लिवर कैंसर की भागीदारी करीब 7 फीसदी पाई गई और इसे कैंसर संबंधी मौत का चौथा सबसे बड़ा कारण माना गया।
बीएलके मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में इंस्टीट्यूट फॉर डाइजेस्टिव एंड लीवर डिजीज के चेयरमैन और विभाग प्रमुख डॉ अजय कुमार ने कहा लीवर रोग पैंक्रियाज गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल फैटी लीवर और हेपेटाइटिस के मामले खतरनाक स्तर पर बढ़ते जा रहे हैं। हालांकि शुरुआती चरण में ही इनकी डायग्नोसिस कराई जाए तो इन मामलों की रोकथाम और उपचार संभव है। मरीज में इन बीमारियों के लक्षण तभी स्पष्ट हो पाते हैं जब उनका 70 फीसदी से अधिक लीवर नाकाम हो जाता है। साफ सफाई की खराब व्यवस्था वाले क्षेत्रों में रहने वाले लोग सुरक्षित पेयजल का अभाव और हेपेटाइटिस बी एवं सी जैसे लीवर रोगों की महामारी वाले क्षेत्रों में जाने वाले लोगों में लीवर रोग की चपेट में आने का खतरा अधिक रहता है। लिहाजा यदि लीवर के क्षतिग्रस्त होने से पहले शुरुआती चरण में ही लीवर रोग की डायग्नोसिस और सही रणनीति के साथ इलाज कराया जाए तो मरीज को पूरी तरह स्वस्थ किया जा सकता है।
लीवर नाकाम हो जाने के बाद अंतिम विकल्प लिवर ट्रांसप्लांट ही रह जाता है लेकिन भारत में लीवर के जरूरतमंद मरीजों और उपलब्ध लीवर के बीच बहुत बड़ा अंतर है। लोगों को यह बताना जरूरी है कि दान किए गए लीवर ट्रांसप्लांट की टेक्नोलॉजी में आई तरक्की से अब दान करने वाले व्यक्ति के मृत होने पर ज्यादा इंतजार करने की जरूरत नहीं है और अब कई लोगों का जीवन बचाया जा सकता है। एक आकलन है कि भारत में लीवर नाकाम होने या लीवर कैंसर के कारण हर साल 2 लाख लोगों की मौत हो जाती है यदि उन्हें सही समय पर लीवर ट्रांसप्लांट कराया जाता तो 10 से 15 फीसदी मरीजों की जिंदगी बचाई जा सकती है।
बीएलके मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में एचपीबी सर्जरी और लीवर ट्रांसप्लांटेशन के वरिष्ठ निदेशक तथा विभाग प्रमुख डॉ अभिदीप चौधरी ने कहा लीवर रोग की गंभीर स्थिति और एडवांस्ड स्टेज में पहुंच चुके मरीज हमारे पास तभी आते हैं जब वे कई तरह के इलाज कराने से थक चुके होते हैं या लीवर कैंसर की चपेट में आ चुके होते हैं। ज्यादातर मामलों में लिवर ट्रांसप्लांट कराने वाले मरीज बहुत कमजोर पड़ चुके होते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन ;डब्ल्यूएचओ के मुताबिक भारत में मौत का दसवां सबसे बड़ा कारण लीवर रोग ही है। ओपीडी में आने वाले लोगों को भी हम स्वस्थ जीवनशैली अपनाने नियमित व्यायाम करने तथा स्वस्थ खानपान रखने की सलाह देते हैं ताकि उन्हें किसी तरह की दिक्कत न आए।
एसआर कल्ला हॉस्पिटल में चीफ कंसल्टेंट गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ मुकेश कल्ला ने कहा हम वाकई बहुत खुश हैं कि हमने देश के एक सर्वश्रेष्ठ लीवर एवं डाइजेस्टिव केंद्र के साथ गठजोड़ किया है और लीवर संबंधी समस्याओं के बारे में जागरूकता बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं। हमारी ओपीडी लोगों को परामर्श भी देगी और उन्हें स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रोत्साहित करेगी और उन्हें बेहतरीन टेक्नोलॉजी मुहैया कराएगी। जयपुर के स्वास्थ्य संसाधन में यह ओपीडी बहुमूल्य साबित होगी जहां शहर और आसपास के लोगों को अपने घर के पास ही विश्व स्तरीय उपचार समाधान मिल जाएंगे। हमारी सेवाओं में सभी तरह के परामर्श जांच और इलाज की संपूर्ण प्रक्रिया शामिल होंगी।
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