खाटूश्यामजी के मंदिर में भगदड़,तीन महिलाओं की मौत,तीन गंभीर घायल।

 नादकीआवाज।रींगस से डाॅ.सीताराम कुमावत, जयपुर से बाबूलाल सोनी।सुबह तड़के सवा पांच बजे,खाटू श्याम जी के मंदिर से दुःखद घटना सामने आई है,खाटू श्याम जी के दर्शनों के लिए जब गेट खोला गया तो, भगदड़ मच गई,भगदड़ में 3 महिलाओं की दर्दनाक मौत हो गई तीन अन्य गंभीर रूप से घायल हैं, जिन्हें  इलाज के लिए जयपुर भेजा गया है। इसके अलावा कई अन्य घायलों का इलाज स्थानीय चिकित्सालय में चल रहा है ।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने श्रद्धालुओं की मौत पर गहरा दुख जताते हुए घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य की कामना की है।भगदड़ की सूचना मिलते ही पुलिस-प्रशासन की टीमें मौके पर पहुंचीं और राहत कार्य शुरू करवाया।

 देवस्थान मंत्री शकुंतला रावत ने हादसे को लेकर कहा कि पूरे मामले की जांच की जाएगी, उन्होंने हादसे  पर दु:ख भी जताया।एस पी कुंवरराष्ट्र दीप ने कहा कि सीसीटीवी फुटेज से जानकारी जुटा रहे हैं, मुख्य गेट पर उपस्थित गार्डों से जानकारी जुटाई जा रही है 

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार इस घटना में मंदिर कमेटी की लापरवाही सामने आ रही है, मंदिर कमेटी को पता था एकादशी को भारी तादाद में भीड़ आएगी, इसको देखते हुए मंदिर बंद नहीं करना चाहिए था, साथ ही बगीची के पास जो चेक लगा हुआ है, उसको बंद नहीं करना चाहिए था,जिसे बंद कर दिया गया था, ऐसा करने से लोगों में भगदड़ मच गई और इतनी बड़ी दुर्घटना घट गई।

घटना के जिम्मेदार स्थानीय प्रशासन और मंदिर कमेटी दोनों है, मंदिर कमेटी पर एफआईआर दर्ज कराई जाए ओर प्रकरण की निष्पक्ष जांच हो। स्थानीय लोगों ने बताया कि हर एकादशी को हादसे होते रहते हैं, लेकिन मंदिर व्यवस्था कमेटी और स्थानीय प्रशासन ने इससे कोई सबक नहीं लिया, जिससे आज यह बड़ी घटना सामने आई है।

लोगों ने बताया कि मंदिर कमेटी को सिर्फ चढ़ावे और श्रद्धालुओं से मिलने वाली भेंट से मतलब है।श्रद्धालुओं और दर्शनार्थियों की सुविधा के लिए कोई काम नहीं कराए जाते। प्रतिमाह शुक्लपक्ष और  कृष्णपक्ष की एकादशी को लगभग पांच लाख लोग बाबा श्याम के दर्शन के लिए खाटू आते हैं।

प्रतिमाह दोनों ही दिन स्थिति इतनी दयनीय हो जाती है कि रिंगस के बाद खाटूश्यामजी रोड पर प्रवेश के साथ ही श्रद्धालु समस्याओं से जूझने लगते हैं,वाहनों ओर कारों का जाम लग जाता है, 15 किलोमीटर चलने में कार को पांच 5 घंटे तक लग जाते हैं। बेतरतीब वाहनों को कंट्रोल करने की कोई व्यवस्था नहीं है।

ज्ञातव्य है कि घटना के समय,पुत्रदा एकादशी का मासिक मेला भरा था, जिसमें बड़ी संख्या में भक्त देर रात से ही दर्शन के लिए जुटना शुरू हो गए थे। सुबह आरती के दौरा दर्शनार्थियों के बीच भगदड़ मच गई , भीड़ को कंट्रोल करने की व्यवस्था नहीं थी, दर्शनार्थियों के जाने का रास्ता बहुत संकड़ा था, जिससे भीड़ की चपेट में आने से 3 महिलाओं ने दम तोड़ दिया। हादसे के बाद मंदिर परिसर में अफरा-तफरी का माहौल हो गया। 

पुलिस ने बताया कि मंदिर के बाहर भारी भीड़ जमा थी। जैसे ही मंदिर के गेट खुले, लोग एक-दूसरे को धक्का देकर आगे बढ़ने लगे। कुछ लोगों ने बताया कि धक्का-मुक्की में एक महिला बेहोश होकर गिर पड़ी। इसके चलते पीछे आ रहे लोग भी गिरने लगे। भगदड़ की खबर मिलते ही पुलिस टीम मंदिर पहुंची और हालात संभाले। मंदिर में दर्शन दोबारा शुरू कराए गए।

हर महीने दाे बार एकादशी तिथि पर खाटूश्याम जी के दर्शन के लिए लाखों लाेग उमड़ते हैं। ऐसा अनुमान है कि हर ग्यारस पर यहां राजस्थान सहित अन्य प्रदेशों से चार लाख से ज्यादा लोग दर्शन के लिए आते हैं। ग्यारस पर खाटूश्याम जी के दर्शन का विशेष महत्व माना जाता है।

कुछ भक्तों को कहना है कि इसमें 9से10 लोगों की मौत हुई है। इस हादसे की निष्पक्ष जांच हो दोषियों को दंड दिया जाए,मंदिर कमेटी को सख्त हिदायत दी जाए कि व्यवस्था, सुचारु रखें जिससे दोबारा ऐसा ना हो । 

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