आचार संहिता की आड़ में चौथ वसूली,ज्वेलर्स और स्वर्णकार,मिले कलेक्टर से,ज्ञापन दिया।

जयपुर,नादकीआवाज।

सर्व स्वर्णकार समाज नेतृत्व विकास संस्थान के अध्यक्ष त्रिलोक चंद कड़ेल के नेतृत्व में ज्वैलर्स ओर स्वर्णकार समाज का एक प्रतिनिधि मंडल आचार संहिता की आड़ में जांच के नाम पर हो रही परेशानी को लेकर जिला कलेक्टर श्री प्रकाश राजपुरोहित से मिलकर प्रधानमंत्री, वित्त मंत्री,गृहमंत्री, राष्ट्रीय चुनाव आयुक्त के नाम ज्ञापन सौंपा।

साथ ही जिला कलेक्टर को निवेदन किया कि,पुलिस प्रशासन के लोग आचार संहिता का बेजा इस्तेमाल कर, व्यापारियों को परेशान कर,भ्रष्टाचार कर रहे हैं। अतः आप पुलिस प्रशासन के लोगों को निर्देश दें कि जो भी व्यापारियों को परेशान नहीं किया जाए।
ज्ञापन में कहा गया है कि,चुनाव आचार संहिता का सख्ती से पालन करवाने के लिए पुलिस प्रशासन द्वारा चेकिंग के लिए जगह-जगह-जगह बैरिकेड लगाए गए हैं,चेकिंग की जा रही है। हथियार,शराब तस्करी के विरुद्ध जो कदम उठाए  जा रहे है प्रसंसनीय हैं।परंतु जो व्यक्ति अपना मेहनत मजदूरी का पैसा लेकर,अनाज,पशु बेचकर त्योहार पर या बच्चों की शादी के लिए जेवर बनाने के लिए बाजार में आता है, उसे चुनाव आचार संहिता के नाम पर यदि उसके पास पचास हजार से ज्यादा रुपए मिल जाते हैं तो उसके स्रोत/ सबूत पूछे जाते हैं,एक साधारण व्यक्ति वर्षों तक पाई पाई एकत्र करने वाला कहां से स्रोत बतायेगा? 

स्वर्णकार को कोई अपने बच्चों की शादी के जेवर बनाने के लिए धन/सोना  उपलब्ध कराता है,वही धन ज्वेलर्स जब सोना चांदी खरीदने बाजार में जाता है,जेवर बनाने की प्रक्रिया में कइ जगह जाना पड़ता है।आचार संहिता की सख्ती में आते-जाते पाक पकड़ा गया तो वह भी उसका धन के स्रोत/सबूत नहीं बात पता है। और उसका सोना चांदी या धन को जप्त कर लिया जाता है।

ऐसी स्थिति में ग्राहक व ज्वेलर्स दोनों भयभीत है।इस भय के कारण व्यापार खराब हो रहा है मेहनत मजदूरी करने वाला कारीगर, छोटा ज्वेलरी का कार्य करने वाला ज्वेलर्स इस सीजन में बिल्कुल भी  मजदूरी नहीं कर पा रहा है। धंधा बर्बाद हो रहा है ।

ज्ञापन में कहा गया है कि राजस्थान से बड़ी संख्या में जेम्स एंड ज्वेलरी के व्यापारी पूरे देश में घूम-घूम कर  ज्वेलरी को बेचने का कार्य करते हैं, ऐसे में जेम्स एंड ज्वेलरी पर ई वे बिल लागू नहीं किया गया है। इसलिए व्यापारियों द्वारा ई वे बिल जनरेट नहीं किया जा रहे हैं। राजस्थान का व्यापारी दूसरे प्रदेश में भी जाता है जहां   ज्वेलरी पर ई वे बिल लागू है तो वहां का प्रशासन और पुलिस के लोग यहां के व्यापारी से ई वे बिल मांगते हैं और ई वे बिल राजस्थान में जनरेट नहीं होने के कारण यहां का व्यापारी ई वे बिल लेकर नहीं जाता है,और दूसरे राज्यों का पुलिस प्रशासन परेशान कर चौथ वसूली करते हैं।

साथ ही ही घुमंतू व्यापारी के लिए ना तो खरीदार का पता निश्चित होता है ना ही रूट का पता होता है ऐसे में उसके द्वारा जो घूम-घूम कर ज्वेलरी बेची जाती है उसका ईवे बिल बनाया जाना संभव नहीं है।

प्रतिनिधि मंडल में मुकेश नारनोली,अनिल दोसोलिया ,उमाशंकर सोनालिया, प्यारेलाल रोड़ा, घनश्याम लावट, विजय बुटन, राजेश भवन, आदि थे।

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