स्वर्णकार सभा की पीड़ा,बीस साल बाद भी कोई समाधान नहीं।

जयपुर,नादकीआवाज।

"मर्ज बढ़ता गया ज्यों ज्यों दवा की"यह कहावत श्री मैढ क्षत्रिय स्वर्णकार सभा जयपुर पर पूरी तरह से फिट बैठ रही है।पिछले 18-20 सालों से जो विवाद,(बीमारी) पैदा हुए थे,वो बढ़ते जा रहे है,जिससे समाज के लोगों में भारी रोष है,विकास पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। विवादों का क्षेत्र प्रदेश की राजधानी जयपुर होने की वजह से समाज राजनीतिक रूप से पिछड़ता जा रहा है,अपने हकों के लिए लड़ने की जगह आपसी लड़ाई में उलझकर रह गया है।

समाज के, गणमान्य लोगों ने विवादों को दूर करने के लिए हर संभव प्रयास किए हैं यहां तक कि पिछले दिनों समाज ने आमसभा बुलाकर नए सिरे से चुनाव कराने की घोषणा भी की गई थी,लेकिन समाज के ही कुछ लोगों की हठधर्मिता,मूंछ का बाल ओर,मामला न्यायालय में विचाराधीन होने की वजह से सुलझने की जगह ओर बढ़ रहा है।

समाज के मंदिर में एक धड़े के द्वारा सामूहिक विवाह और परिचय सम्मेलनों का आयोजन  प्रस्तावित था,जिसे दूसरे पक्ष के द्वारा रजिस्ट्रार सहकारी संस्थाएं और पुलिस के द्वारा यह कहते हुए रुकवा दिया गया है,कि यह जब तक संस्था के चुनाव नहीं हो जाते सभी विवादों का समाधान नहीं हो जाता,सभा के बैनर तले कोई भी कार्यक्रम करना अवैध है।

इस प्रकरण में रजिस्ट्रार सहकारी संस्थाएँ जयपुर के पत्र क्रमांक 1061-63 दिनांक 4-6-23 को श्री राजाबाबू सोनी एंव अन्य को लिखे पत्र में उल्लेख किया है कि

"उक्त समिति के कार्य एंव कार्यकारिणी के सम्बन्ध में माननीय सिविल न्यायालय जयपुर महानगर पश्चिम में अवमानना याचिका संख्या 17/2018 एंव मकदमा सं. 17/2011 में माननीय न्यायालय में विचाराधीन है।कार्यालय रिकार्ड में संधारित समिति पत्रावली अनुसार श्री रामकृष्ण सोनी स्वर्णकार सभा में किसी भी पद पर पदस्थापित नही है और ना ही स्वर्णकार सभा के कार्य/कियाकलापों में हस्तक्षेप करने का अधिकार प्राप्त नहीं है। श्री सोनी के द्वारा समिति के सम्बन्ध में अध्यक्ष की हैसियत से पत्राचार किया जा रहा है एंव समाज में सामुहिक विवाह का आयोजन किया जा रहा है, वह विधि विरूद्ध है एंव माननीय न्यायालय के आदेशों की अवमानना है।"

थाना कोतवाली द्वारा भी उक्त आदेशों के क्रम में श्री रामकृष्ण बेवाल को पाबंद करते हुए कहा है कि "जब तक प्रकरण का पूरी तरह समाधान नहीं हो जाता, मैढ़ क्षत्रिय स्वर्णकार सभा के बैनर तले कोई भी कार्यक्रम विधि विरुद्ध गैरकानूनी होगा।"

नाद की आवाज ने जब रामकृष्ण सोनी से इस विषय में पूछा तो उन्होंने बताया "रजिस्ट्रार का पत्र पूर्णत पूर्वाग्रह व 2005 में विधिवत चुनी हुए कार्यकारिणी के वर्तमान अध्यक्ष के विरुद्ध षड्यंत्र का हिस्से के सिवा कुछ नहीं है। वादी सभा के अध्यक्ष स्व.रमेश कुमार जोड़ा के निधन से अध्यक्ष के रिक्त पद पर दिनांक 4-4-21 को कार्यकारिणी ने सर्वसम्मति से सभाध्यक्ष पद पर चुना है,अध्यक्ष पद की शपथ दिलायी है। जिसकी सूचना रजिस्ट्रार को  7-4-2021 को प्रस्तुत कर कार्यालय प्रति पर रसीद ली हुई है। 

समाजबंधु भ्रमित नहीं होवे। रजिस्ट्रार के पत्रों को न्यायालय में चुनौती दी जावेगी तथा सभा द्वारा घोषित सामूहिक विवाह भी समाज के सहयोग से ही संपन्न कराये जाएँगे। "



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