स्वामी रामदेव ने जयपुर के योग शिविरों को याद किया, किसान नेता राकेष टिकैत को दी नसीहत।

गुलाब बत्रा,

पंतजलि योगपीठ के माध्यम से योग विज्ञान को सहज एवं सरल रूप में जन- जन तक पहुंचाने में अग्रणी स्वामी रामदेव बीस बरस पहले जयपुर में सम्पन्न विशाल योग शिविरों की याद दिलाने पर भावुक हो गए। वहीं हरिद्वार अंचल में योगग्राम निरामयम में संचालित नियमित शिविर में भाग लेने आये बहुचर्चित किसान नेता राकेश टिकैत को किसान आंदोलन के लक्ष्य को तार्किक परिणति तक पहुंचाने में अपार धीरज रखने की सलाह दी।

यह अवसर था-तीन जनवरी 2024 को योग शिविरार्थियों से बाबा रामदेव की व्यक्तिगत भेंट का। निरामयम के एक्यूप्रेशर कक्ष में सभी योग साधक पंक्तिबद्व बैठे थे। कक्ष में आते ही स्वामीजी ने कहा कि हम आपको जीवन शैली का रास्ता बताते है। स्वस्थ एवं सुखमय जीवन बिताने के लिए इस मार्ग पर चलना आपको है। लेखक अपनी जीवन संगिनी पुष्पा बत्रा बहन उषा थापर मदन मोहन थापर सहित 31 दिसम्बर से 7 जनवरी तक शिविर में भाग लेने जयपुर से गए हुए थे। बारी-बारी से बाबा एक-एक शिविरार्थी से मिले, उनका हाल चाल पूछा। 

लगभग आखिर में अब हमारा नम्बर था। हमने कहा-स्वामी जी हम उस जयपुर से आये जहां आपने सबसे पहले बडे पैमाने पर योग शिविर लगाये थे। इनमे महाराजा कॉलेज के खेल मैदान का शिविर अत्यंत चर्चित हुआ था जिसमे आपने काले बालों के लिए नाखून से नाखून घिसने की बात बताई थी। यह सुन स्वामी जी खिलखिला उठे और कहा कि आपने तो बहुत पुरानी याद दिला दी। बहन उषा थापर ने याद दिलाया कि हम चारो बहनें योग शिविर में आ चुकी है। मैने बताया कि हमारे कुटुम्ब और रिश्तेदारी के नौ परिवार इस शिविर में आ चुके है तो हंसते हुए बाबा ने कहा कि आपने तो पूरा कुनबा योग से जोड़ दिया। यह कहकर बाबा ने मेरे कंधे पर हाथ रखते हुए हम चारो शिविरार्थियों के साथ यादगार फोटों खिंचवाया।

व्यक्तिगत भेंट के आखिर मे स्वामी रामदेव किसान नेता राकेश टिकैत के साथ  खडे लोगों से मिले। एक अन्य किसान नेता को उन्होने उदयवीर सिंह के संबोधन से पुकारा तो बताया गया कि वह युद्ववीर सिंह है। हाजिर जवाब स्वामीजी ने हंसी में कहा कि कोई बात नही दोनो नाम में वीर तो शामिल है। हमे वीर ही बनना है। इन परिचित लोगों से बाबा ने कई पुराने किस्सों को साझा किया। हंसी ख़ुशी के माहौल में अब बारी आयी राकेश टिकैत की। टिकैत की ओर संकेत करते हुए बाबा ने कहा कि यह अपने समुदाय में गहरी समझ-बूझ रखने वाला समझदार नेता है। पिछले साल के किसान आंदोलन की ओर संकेत करते हुए स्वामी रामदेव ने राकेश टिकैत से कहा कि भाई उतावलापन मत किया कर। धीरज रखने की आदत भी डाल।  इसी धैर्य से सब अच्छा  होगा।

जयपुर लौटने पर स्वामी रामदेव के राजस्थान से रिश्तों के बारे में जानकारी ली। जयपुर में प्रारम्भिक दो शिविरों के आयोजकों में गंगानगर मोटर्स के कमल अग्रवाल कुलभूषण बैराठी आदि के साथ शामिल आर सी मोटर्स के नरेश सिंघल ने बताया कि वर्ष 2003, फरवरी माह में आदर्श नगर स्थित सूरज मैदान पर तथा नवम्बर में महाराजा कॉलेज के मैदान पर आयोजित योग शिविर में स्वामी रामदेव एवं आचार्य कर्मवीर सम्मिलित हुए थे। बाद में भाजपा नेता एवं राज्यसभा सांसद रामदास अग्रवाल (स्वर्गीय) ने भवानी निकेतन में स्वामी जी का योग शिविर आयोजित करवाया था। हिण्डौन निवासी रमेष सिंघल के अनुसार बीसवीं शताब्दी के आखिरी दषक में स्वामी रामदेव हिण्डौन क्षेत्र में आर्य समाज की गतिविधियो में अधिक सक्रिय रहे। वे यज्ञ अनुष्ठान के पश्चात् प्रवचन करते थे जिससे लोग अत्यंत प्रभावित होते थे। टेलीफोन विभाग में कार्यरत अजय कुमार आर्य उनके सक्रिय सहयोगी बने। स्वामी जी ने लोगो को दिव्य योग मंदिर संस्था का सदस्य बनाया। इसी क्रम में जयपुर में योग शिविर संचालित हुए तथा पंतजलि प्रतिष्ठान की स्थापना का मार्ग प्रशस्त हुआ। निरामयम में 5 जनवरी को संस्थान के 28वीं वर्षगांठ पर स्वामी रामदेव ने कार्मिकों का सम्मान कर उन्हे च्यवनप्राश तथा गुड़ की भेंट दी।


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